बोलो अम्बे माँ की जय
पहला गीत आपके सामने प्रस्तुत है
हे नाम रे, सबसे बड़ा तेरा नाम
बिगड़े बना दे मेरे काम।
काल के पंजे से माता बचाओ, जय माँ अष्ट भवानी।।
हे नाम रे, सबसे बड़ा तेरा नाम,
ओ शेरोंवाली, ऊँचे डेरों वाली,
बिगड़े बना दे मेरे काम।
ऐसा कठिन पल, ऐसी घड़ी है,
विपदा आन पड़ी है।
तू ही दिखा अब रास्ता,
ये दुनिया रास्ता रोके खड़ी है।
मेरा जीवन बना इक संग्राम।।
भक्तों को दुष्टों से छुड़ाए,
भुजती जोत जगाई।
जिसका नहीं है कोई जगत में,
तू उसकी बन जाए।
तीनो लोक करे तोहे प्रणाम।।
हे, क्या भेट चढ़ाऊं तुझपे,
तू प्रसन्न हो जाए।
दुश्मन थर थर काँपे माँ,
जब तू गुस्से में आये।।
चलिए अब दूसरे गीत की तरफ बढ़ते है :-
मेरी आखिओं के सामने ही रहना,
माँ शेरों वाली जगदम्बे ।
हम तो चाकर मैया,
तेरे दरबार के,
भूखे हैं हम तो मैया,
बस तेरे प्यार के॥
विनती हमारी भी,
अब करो मंज़ूर माँ,
चरणों से हमको कभी,
करना ना दूर माँ ॥
मुझे जान के अपना बालक,
सब भूल तू मेरी भुला देना,
शेरों वाली जगदम्बे,
आँचल में मुझे छिपा लेना ॥
॥ मेरी आखिओं के सामने॥
तुम हो शिव जी की शक्ति,
मैया शेरों वाली ।
तुम हो दुर्गा हो अम्बे,
मैया तुम हो काली॥
बन के अमृत की धार सदा बहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥
॥ मेरी आखिओं के सामने॥
तेरे बालक को कभी माँ सबर आए,
जहाँ देखूं माँ तू ही तू नज़र आये ।
मुझे इसके सिवा कुछ ना कहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥
॥ मेरी आखिओं के सामने॥
देदो भक्तों को भक्ति का,
दान मैया जी,
लक्खा गाता रहे,
तेरा गुणगान मैया जी ।
है भजन तेरा,
भक्तो का गहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥
मेरी आखिओं के सामने ही रहना,
माँ शेरों वाली जगदम्बे ।
तीसरा अद्भुत गीत आपके सामने इस प्रकार है
भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार, में हां तेरे दीदार की मैं आऊंगा
कभी न फिर जाऊँगा
शेरावालिये नी माता ज्योता वालिए
नी सच्चियाँ ज्योता वालिए, लाटा वालिए
तेरे ही दर के हैं हम तो भिखारी,
जाएं कहा यह दर छोड़ के, हां छोड़ के ।
तेरे ही संग बंधी भक्तो ने डोरी,
सारे जहां से नाता तोड़ के, हां तोड़ के ॥
शेरावालिये नी माता ज्योता वालिए
भवना वालिए नी माता लाटा वालिए
फूलों में तेरी ही खुशबु है मैया,
चंदा में तेरी ही चांदनी, हां चांदनी ।
तेरे ही नूर से है नैनो की ज्योतिया,
सूरज में तेरी ही रौशनी, हां रौशनी ॥
शेरावालिये नी माता ज्योता वालिए
भवना वालिए नी माता लाटा वालिए
चौथा माँ का गीत इस प्रकार है:-
उच्चे पर्वत में महारानी ने दरबार लगाया है,
सारे जग में एक ठिकाना सारे ग़म के मरो का,
रास्ता देख रही है माता अपनी आंख के तारो का,
मस्त हवाओ का एक योका ये संदेसा लाया है,
चलो बुलावा आया है.......
जय माता दी जय माता दी कहते जाओ जय माता दी
जय माता दी कहते जाओ आने जाने वालो को,
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पाओ के छलो को,
जितने जितना दर्द सहा है उतना फल भी पाया है,
चलो बुलावा आया है.......
वशिनो देवी के मंदिर में लोग मुरादे पते है,
रोते रोते आते है हस्ते हस्ते जाते है,
मैं भी मांग के देखू जिसने जो माँगा वो पाया है,
चलो बुलावा आया है..........
मैं भी तो एक माँ हु माता,
माँ ही माँ को पहचाने,
बेटे का दुःख क्या होता है और कोई क्या जाने,
उसका पुन मैं देखू कैसे जिसका दूध पिलाया है,
उच्चे पर्वत में महारानी ने दरबार लगाया है,